किसी से बात नहीं करना यह भी कितनी कमाल की बात की जिस से बात नहीं करनी है उसकी ही बात बार हमारे दिमाग आती रहती है और न चाहते हुए उसकी बात करनी पड़ती है और जब ये बात एक शायर पर आ जाती है तब आपको तोह पता ही है की उसके साथ क्या होता है शायर उस पर जरूर कोई न कोई शायरी तो लिखता ही है उसी तरह शायर की लिखी हुई Baat Nahi Karne Ki Shayari Leke आये है जो सायद आपको उसकी यादो के जाल से बहार निकल ले जाए तो बिना किसी देरी के शायरी की जबरदस्त Baat Nahi Karne Ki Shayari को पढ़न शुरु करते है।
उसको भुलाने की बहुत कोशिश की पर वह मेरे जहन में न जाने कैसे बैठ गयी उससे बात तक करना बंद कर दिया पर उसको भुला न पाया और में Baat Nahi Karne Ki Shayari लिखी तो मेरी लिखी वो दो लाइन कुछ इस प्रकार थी
Kis Se Baat Nahi Karne Ki Shayari in Hindi
जब बात नहीं करनी तोह कॉल मिलाया
यूं दिल में आकर दिल तोडना ही था तोह
पहले ही कह देती में तुम्हे पत्थर दे देता
ताकि मुझे इतना दर्द तोह नहीं होता
अगर तू ना मिलती तो शायद में आज शायर न होता और
आज तुझ पर यह "बात नहीं करने की शायरी नहीं लिकता होता"।
जलना लाज़मी है सनम रूठना भी जरूरी है
तेरा इश्क़ भी मेरा है तेरा हसन भी मेरा है
ये हिम्मत कर दिखाना चाहता हूँ ।
मैं तुमसे रूठ जाना चाहता हूँ ।
हर बार दिल मेरा हार जाता है तेरे इश्क़ के आगे
पर अगर इश्क़ है ही तो तुम हार जीत क्यूँ मानते हो
तुमसे रूठने का हक़ भी नहीं मुझे, तुम मनाते जो नहीं
तुमसे रूठी ही हूँ, ये भी भला तुम कहाँ जानते हो
तुम्हारा रूठकर जाना ..
यूँ सतायेगा सोचा न था,
जख्मों को नासूर बनाएगा सोचा न था
बात करते करते
बात इतना बढ गया कि
अब बात करना बंद हो गया
बात नहीं करनी ती
बात नही करना तो नही करो
पर एक बार इधर देख तो लो
तुम्हारे लिए बड़े प्यार से मैने chocolate लाया हैं
अगर नही चाहिए तो इसे अपने हाथो से फेक दो
बडे अजीब हो गये
लोग, बात नही मानते
लेकिन बुरा फौरन मान जाते हैं
कितने आराम से छोड़ दिया
तुमने बात करना मुर्शद
जैसे सदियों से तुम पर बोझ थे हम
वक़्त आने पर आग भी बुझा देंगे बस अपनी आंखो का पानी
फिलहाल रोक लो, बाद में वही आग बुझाने के काम आएगा
कभी-कभी,
यह बेहतर लगता है कि
कुछ भी बात न करें किसी से भी!
ये भी कितना अजीब है ना
कल तक जिनसे बाते करते- करते घंटो बित जाती थी!
आज उनका बस यू हाल पूछ के बिना मुस्कुराए अलविदा कह देना
जो कतलेआम मचाया तुमने
क्या ओ कुछ कम था
जो अहसास जगाया तुमने
क्या ओ कुछ कम था
फकत इश्क का सिखाया तुमने
क्या ओ कुछ कम था
एक बार यू हुआ कि फिर कभी बात ना हुई,
वो जो कहते थे कभी आज बात ना हुई!
आज मेरी बात
उनको पसंद नहीं आई...
सच्ची थी, कड़वी थी दिल में थी,
मुँह से निकल आई!
Baat Nahi Karne Ki Shayari in Hindi
मैं जब सबसे बात करना बंद कर दूँगा,
तब हर कोई मेरी ही बात करेगा.
मुझे अब किसी से बात करना,
अच्छा नहां लग रहा
जिसके साथ अच्छा लग रहा था,
वो अब साथ नहीं है।।
बात नहीं करनी ती
ना सही
बस कभी भी Ignore
ना करना हमें
बात नहीं करनी तो ना सही,
मैंने कोशिश कर ली,
बस अब और नहीं।
बात नहीं करनी ती हर बात मैं
हमारा जिक्र करना भी छोड़ दो,
अब तो मयखाने की दीवारें भी
हमारा नाम सुन-सुनकर ऊब चुकी है।
बात नहीं करनी तो
बहाना बनाया न करो,
हमसे मोहब्बत ही नहीं है तो
यूं ही झुठा प्यार जताया न करो।\
साहिलों की तरह किनारो को छूकर गुजर जाते हो।
जब बात ही नही करनी तो फिर यादों में क्यों आते हो?
बात नहीं करनी तो
ऐसा करें कि एक दूजे को भूल जाया जाए
व्यर्थ में किस्सा सबको न सुनाया जाए
बात नहीं करनी ती
मत करो पर यूह
दिल तोड़ा ना करो
बात नहीं करनी ती
मीलने क्यो आते हो
मुझे देखकर तुम
मौन क्यों हो जाते हो
बात नहीं करनी ती
ऐया स्पष्ट कह लेना...
समझा लैंगे हम दिल को,
उनकी खातिर यह लेना...
बात नहीं करनी ती
नही करो
लेकिन दूर मत जाना
बात नहीं करनी तो मत करो
पर अपनी इन हरकतों से
हमे बार बार ये सोचने पर मजबूर मत करौ की तूमहै
चाहना मेरी सबसे बड़ी गलती थी।
बात नहीं करनी तो
बता दिया होता
वैसे तेरे आवाज़ में थोड़ी बेरुखी तो मिली
बेताब रहा करता था जो दिल तुझसे बातें करने को
उस दिन वह बेचैनी से उसे हमेशा के लिए राहत तो मिली।
बात नहीं करनी तो भी
कर लिया करो क्योंकि
आपकी बात सुनने के लिए हम तरस जाते है
सिर्फ हमारे लिए बात कर लिया करो
बात नहीं करनी तो
मत करो, मगर
यूँ तड़पा तड़पा कर
नजर अंदाज तो मत करो
बात नहीं करनी तो
तो बुलाया क्यों था?
नहीं पोंछने आते आंसू
तो रुलाया क्यों था?
बात नहीं करनी तो
यूं ख्वाबों में आकर हमारा
वक़्त ना बर्बाद किया करों
Baat Nahi Karne Ki Shayari in Hindi 2021
आँसुओं की अब बरसात नहीं करनी है
चलो जाने दो अब मुलाक़ात नहीं करनी है
तुम्हारी हर बात दिल में बसी हुई है अभी
तुम्हें भुलाने के लिए अब बात नहीं करनी है
पहले हँसता था और सबको हँसाया करता था
छोड़ो पहले जैसी अब क़रामात नहीं करनी है
गुजर गई हैं कई रातें तुझको याद करते हुए
अब्से बर्बाद कोई भी अब रात नहीं करनी है
तेरे शहर की हर गली वाकिफ थी मुझसे ,
ना जाने क्यूं आज तेरा मौहल्ला मुझसे रूठा हुआ सा है।
मैं थोड़ा सा रूठ क्या गया
लोगो ने तो मुझसे रिश्ता
ही खत्म कर लिया।।
और मैं उम्मीद मनाएं
जाने की कर बैठा था
तेरी दुरियों को मिटाऊं कैसे
अपने प्यार पर यकीन दिलाऊं कैसे
छोटी सी बात पर तू मुझसे रूठ गया
बोल न वापस मैं तुझे मनाऊँ कैसे
कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को
जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे
अकेले में तुम्हारी याद आना अच्छा लगता है।
तुम्ही से रूठना तुमको मनाना अच्छा लगता है।।
टूट जाते है बड़े बड़े सपने।
जंब रूठ जाते हैं अपने।
किसी और की मंजिल की ओर जाती थी
उस राह चल दिए
यूं ही रूठने मनाने में गुजर गए कई दिन
सावन हो या बसंत कोई भी हो मौसम
अब बस मौन होकर एकांत चाहता है यह मन
रूठ जाएंगे अगर तुझसे तो बात किससे करेंगे हम
दर्द-ए-दिल का हाल किससे बाटेंगे
हम अकेले घुट कर मर जाएंगे हम
गुस्सा आए तो लड़ लेना
मनाने की वजह होती है
जब न लड़ाई हो न बात हो
तो किस बात पे सुलह होती है।
आज रुंठे हैं, कल मान जाएगें।
फर्क सच और झूठ का जब जान जाएंगे।
अब तुम से भी रूठ कर हम कहां जाएंगे ?
सारा ज़माना ही हमसे नाराज बैठा है।।
रूठ कर हम उन्हैं भूल जानें लगे,
वी हमें और भी याद आने लगे ।
आदत नहीं रही
अब मनाने की,
ना ही रूठ जाने की !!।
उन्हे पाए बिना, उन्हे खोने का डर
मुझे दिनों रात सताया करता था
उनकी तस्वीर ही सही देख कर
ये जालिम दिल मान जाया करता था
ख़ुद नाराज़ हो कर भी मै उसे मनाया करता था.
उसके रूठ जाने पर मै मान जाया करता था
ख़ामोशी से मै भी मुहब्बत निभाया करता था
चुप है इसलिए अच्छे
लगते हम आपको
अगर बोलना चालू किया तो
हमसे बुरा कोई नहीं
मिलेगा आपको ।
गुस्सा होने का रिवाज़
हमने पुराना छोड़ दिया
पहली बार तो रुठे थे
उन्होंने मनाना ही छोड़ दिया
तुमसे ही रूठ कर, तुमको ही याद करते है
हमे तो ठीक से नाराज़ भी नही होने आता...
तू लाख कोशिशें कर ले हमसे रुठ नाने की
हम कोई कसर तक नहीं छोड़ेंगे तुड़ो मनाने की!
रूठुंगी अगर तुझसे तो इस कदर रूठुंगी की ,
ये तेरी आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी !!
हम झुकते रहे तुम झुकाते रहे
तुम रूठते रहे हम मनाते रहे
हद तो तब हो गई जब
हम रोते रहे और तुम पतंग उड़ाते रहे
उसे भी पता हैं वफ़ा मेरी
वो रुठके भी गले लगता हैं
समझ तो लेते हैं हम
लेकिन हमें बताना नहीं आता
रुठ जाओ मना लेंगे हम
लेकिन-हमें हँसाना नहीं आता
जरूरी है रूठना और मनाना मोहब्बत में,
कहते हैं इश्क़ जवां इन्ही अदाओं से रहता है।
Baat Nahi Karne Ki Shayari 2021
बड़ा अच्छा किस्सा लिखा है तेरे जाने का
क्योंकि कोई डर नहीं अब तेरे रूठ जाने का।।
एक सफ़र में साथी मेरा छूट गया,
दिल था उसका अच्छा लेकिन टूट गया।
में गया भी मानने उसको,
लेकिन मुझसे वो ओर ज्यादा रुठ गया।
नो में रूठ नाऊं तो
मना लेना
कुछ न कहना बस सीने
से लगा लेना ..
रूठना मनाना बहुत हुआ अब,
दो पल तो मीठी बातें कर लो
दिल तो #करता हैं की #रूठ जाऊँ
कभी #बच्चों की तरह
फिर #सोचता हूँ कि #मनाएगा
#हमें कौन
ये जो उलझने है, मिटाऊ कैसे?
ख़ुद से रूठे है हम, ख़ुद को मनाऊं कैसे?
इश्क है मुझे
तेरी हर एक अदा से
तेरे हसने से
तेरे रूठने से !!
रूठ जाने की सदी अब गुज़र गई,
नज़र अंदाज़ करने का ज़माना है।
बडी ही देर कर रही हो इस बार आने में,
मैने तो कोई कसर नहीं छोड़ी थी तुम्हें मनाने में ।
वो बिछडी ती जो जल्द बाजी मे
यार वो रूट भी तो सकती
तुम्हें जब भी आये गुस्सा तो हम पे उतार दिया करो
तुम यूं रूठा ना करो भले ही हमें डांट लिया करो
उसकी ये मासूम अदा मुझको बहुत लुभाती है
जब भी'होती है, नाराज पलट कर बैठ जाती है
Baat Nahi Karne Ki Shayari Images
Final Words on Kisi Se Baat Nahi Karne Ki Shayari in Hindi
आज मैंने अपने सारे गमो के बादल को बहने दिया इन शायरियो में और आपके सामने Baat Nahi Karne Ki Shayari in Hindi को पेश किया।
अब हमे बताये की आपको हमारी Baat Nahi Karne Ki Shayari का कलेक्शन कैसा लगा अगर अच्छा लगा तो एक शेयर करके आप हमारा प्रोत्शाहन कर सकते है
ऐसे ही जबरदस्त शायरियो के कलेक्शन के लिए हमारे साइट के होम पेज को विजिट करे जिस पर आपको ढेर साड़ी शायरी और स्टेटस मिल जायेंगे
अंतिम शब्दो में एक बार फिरसे आपसे एक बात कहना होंगे की हमारी Baat Nahi Karne Ki Shayari को पड़ने के लिए आपका सुक्रिया
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