बेस्ट साथ रहने की शायरी [BEST & LATEST] Saath Rahne Ki Shayari in Hindi

साथ रहने की शायरी :आज हम आपके लिए साथ रहने की शायरी और साथ रहने की शायरी इन हिंदीं लेके आये है जिसे आप अपने करीबी को साथ रहने के लिए कह सकते हो

Saath Rahne Ki Shayari
Saath Rahne Ki Shayari

साथ रहने की शायरी 

कुछ पलों के लिए ही सही 
तुम आ जाना कुछ पल लेकर।

सुनो, तुम परेशान मत हुआ करो
तुझसे बेइंतेहा मोहब्बत 
और ख़ुदा पे यकीन है मुझे

कोई तेरा साथ दे ना दे तो कोई 
ग़म ना करना 
खुद से बडा दुनिया में कोई 
हमसफ़र नहीं होता

यहाँ इस दुनिया में goodbye बोलने वाले 
तो बहुत मिल जायेंगे, 
पर साथ देने वाला कोई नहीं

अगर ही मलाल तो फिर आजमा के देख लेना, 
अगर है प्यार तो फिर साथ रह के देख लेना। 
वैसे चलती हवाओं से बात करने की आदत हैं हमारी,
अगर दिखे निशान तो फिर साथ चल के देख लेना।

हमेंने तो बस यहीं जाना है 
जब दोस्तो का साथ साथ पाया है 
तब तब हारी हुयीं बाजी भी जीती है

बेस्ट साथ रहने की शायरी 


जिंदगी में मुसाफिर हूँ मैं तेरी कस्ती की, 
  तू जहाँ कहेगा वहीं तेरा साथ छोड़ दूँगी ।

अकेलेपन का एहसास सबके साथ है मगर 
कोई किसी का साथ देना नहीं चाहता थे

किसी का बेइंतहा साथ छूट जाता है 
अक्सर देखा हुआ ख्वाब टूट जाता.

इश्क़ का दस्तूर बड़ा जालिंम है साहब 
देखो उनको मेरे साथ रहा नहीं गया और 
मेरा उनके बिना कुछ रहा नहीं गया....

कई दफा रुकी देखने की कौन है मेरे साथ 
दिलासा दिया सबने मगर किसी ने ना दिया हाथ

महलों की जरूरत कहां हैं मुझे,
मेरे लिए  तो तेरा दील ही काफी हैं।


साथ की अहमियत वही बेहतर समझते हैं
जो भीड़ में अकेले होते हैं..

आज तुमसे सिर्फ दोस्ती है
1 दिन मोहब्बत भी हो जाएगी
इंतजार है मुझे उस दिन का
जब तू खुद मेरी जिंदगी में आएगी

कुछ लोग जिन्दगी में 
सिर्फ धोखा देने ही आते हैं 
साथ रहते हैं हमारे 
आर पीठ पीछे हमारा ही नाम डुबाते हैं

बेस्ट साथ रहने की शायरी 2021


एहसास है बुरा कभी, 
तो कभी खास होता है। 
पहल तो ये है कि, 
किस वक्त, 
कौन साथ होता है।।

जहां था रास्तों के साथ चलना तुम्हारे पर
कुछ समय ने साथ नहीं दिया और कुछ तुमने!!

वो यूँ मायी मौर यूँ ही चली गयी 
काफ़ी रहा साथ  के पर साथ में कभी रही नही... !

ना अपने पास हूं ना तेरे साथ हूं
बहुत दिनों से मैं यूं ही उदास हूं।

साथ हमेशा उसी के साथ रहो
 जिसके चलने के साथ-साथ ठहरना भी आता हो।

उम्मीद जरा अब कम रखता हूँ 
दिल में जख्म हरे रखता हूँ 
और जिस जिसने छोड़ा साथ मुसीबत में मेरा  
 सबका हिसाब पूरा याद रखता हूँII

कसूरवार किसे कहुं,
सब तो मेरे अपने थे
कल तक तो साथ थे
अब लगता हैं, सब सपने थे।

वो साथ थी तो मानो जन्नत थी ज़िन्दगी, 
अब तो हर सांस जिंदा रहने की वजह पूछती है।।

इसलिए भी तो ताल्लुक़ नहीं रक्खा तुमसे   
साथ चलते रहे पर साथ में तुम थे ही नहीं

मैंने ताले से सीखा है साथ निभाने के हुनर,  
 वो टूट गया पर कभी चाबी नहीं बदली ।

ये रिश्ता क्यों अब टूटा टूटा सा लग रहा है   
ना जाने क्यों ये साथ अब छूठा छूठा सा लग रहा

 साथ रहने की शायरी 2021


ना दोस्ती बड़ी 
ना प्यार बढ़ा 
जो निभाते वह इंसान बड़ा

बेहतर से बेहतर साथ को पाने की चाह में   
सब कुछ गंवा रहे हैं सब पाने की चाह में

सलाह तो यहां हर कोई देता है 
ज़रूरत तो साथ देने वाले की हैI

एक तेरी नज़र जो साथ दे मेरा,
किसी और को नजर आना भी गुनाह समझु..!!

यूँ मिलाए भी 
फिर मिलने के लिए तरसाए 
इतना ज़ालिम तो नहीं मेरा खुदा 
शायद इम्तेहान हैँ 
तेरी मेरी रवानगी का

जो उड़ जाते हैं परिदें
उनका क्या अफसोस करें 
यहां तो जतन से पाले गये भी 
गेंरों की छतों पर ही उतरते हैं

साथ निभाना नही था तो ज़ताते क्यों हो 
प्यार नहीं था तो बताते क्यों हो

अपनी बात कहें बिना ही, 
साथ उसका छूट गया, 
ये रिश्ता जो कल तक अमर था, 
  देखों आज कैसे इक पल में ही टूट गया।

एक बेहतर ज़िन्दगी चाहिए
आपका साथ उम्र भर चाहिए।

उसे मुझे छोड़ कर जाना था 
वो बस बहाना ढूंढती रही   मुझे उसके साथ रहना था   
मैं सिर्फ उससे प्यार करता रहा।

जिंदगी थम सी गई, अकेले
अब तुम साथ हो ,तो बात बने

सोचा था तुमसे इश्क और खुदा से इबादत बेपनाह करूँगा 
 तुम साथ छोड़ गयी और खुदा कुछ कर न सका।

जरूरी तो नही कि, 
सबकुछ हासिल ही हो जाए... 
कुछ लोग ना मिलकर भी, 
दिल में आखरी सांस तक धड़कते हैं

प्रभु बिन कुछ ना कर पाए,, 
प्रभु बिन ना कुछ कह पाए,, 
प्रभु बिन कुछ भी नहीं हो पाए,, 
प्रभु नाम बिन तो चल भी ना पाए,,,

मेरे साथ जो तू हो तो, महफूज़ महसूस करूँ मैं
 जो जुदा हो तो मुझसे, क़तरा क़तरा डर जाऊं मैं।।

छोड़ दिया मैने महफ़िल मे बैठना 
क्यूकि महफिल बनती है 
दोस्तों से
ओर जब दोस्त ही दोस्त ना रहे 
तो किस काम की ऐसी महफ़िल।

ये जो हालात है
मेरे एक दिन सुधर जायेगे
मगर काफी लोग
मेरे दिल से उतर जाएंगे

Latest बेस्ट साथ रहने की शायरी 


जरूरी था तेरा मेरा साथ होना ,
ना कि हाथों में हाथ होना।।

मुझे तुम्हारा साथ चाहिए. 
बात करने को तो बहुत मिल जाएंगे ।।

काफ़ी देर तलक, मैं उसके साथ बैठी रही, 
  साथ तो था वो, मगर साथ की कमी रही।

ना पैसा चाहिए ना दौलत चाहिए 
बस तेरा साथ काफ़ी है एक
उम्र गुजारने के लिए

तुमसे दूर जाने का इरादा न था कभी, पर किया करू , 
कैसे रोकू तुम्हे कभी 
साथ रेहने का वादा भी‌ तो‌ न था I

ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता है साथ,
 कुछ मजबूरियां इश्क  से भी ज्यादा गहरी होती हैं..

"अजनबी रहना पर किसी का इंतज़ार मत करना
किसी के प्यार के लिए खुद को बेकरार मत करना

अच्छा साथी मिल जाए तो हाथ थाम लेना
पर दिखावे के लिए किसी से प्यार मत करना।"

दर्द की शाम हो या सुख का सवेरा हो,
सब कुछ कुबूल है अगर साथ तेरा हो!

कोई तेरे साथ नहीं, तो भी गम ना कर,
खुद से बढ़कर दुनियां में, कोई हमसफर नहीं होता !

मुकद्दर में लिखी कोई बात हो तुम
जैसे तकदीर में लिखा कोई ख्वाब हो तुम...!!

करके प्यार तुम्हें ये महसूस हुआ
जैसे सदियों से मेरे साथ हो तुम...!!

Final Word On साथ रहने की शायरी 

आज की ब्लॉग पोस्ट बेस्ट साथ रहने की शायरी को आपके साथ शेयर किया हूँ।  आपको अगर यह बेस्ट साथ रहने की शायरी पसंद आती है तो इसे अपने फ्रेंड्स जोन में शेयर करे।  ज्यादा जान कारी के लिए होम पेज पर जाए। 




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